हो रई है वर्षा की विदाई,शरद ऋतु आई। जीवन में मोद भरो रे। हो रई है वर्षा की विदाई,शरद ऋतु आई। जीवन में मोद भरो रे।
पवन शरद ऋतु आई। देखो,कैसी खिलरई जुन्हाई। पवन शरद ऋतु आई। देखो,कैसी खिलरई जुन्हाई।
हम सबकी आँखों से बहता सफेद खून है। हम सबकी आँखों से बहता सफेद खून है।
फिर किसी रात हो गुलमोहर की बारिश, या बूँदों की ही तेज़ बारिश घर की खिड़की से ताकें ! फिर किसी रात हो गुलमोहर की बारिश, या बूँदों की ही तेज़ बारिश घर की खिड़की से ...
है काँच की हिमाकत, या बिंब नस्तरी सी, या मुहर ही जिया पे जहर कर गया है | सरेआम यादों की तस्करी हो ... है काँच की हिमाकत, या बिंब नस्तरी सी, या मुहर ही जिया पे जहर कर गया है | सरेआम...
परमात्मा की प्रेरणा से विचारों का दरिया प्रवाहित होते रहता है। परमात्मा की प्रेरणा से विचारों का दरिया प्रवाहित होते रहता है।